तस्लीम
मौलाना (क़) के वास्तविकताओं से, जैसा कि शेख़ नूरजान मीरअहमदी ने सिखाया है।
पनाह माँगता हूँ मैं अल्लाह की शैतान मर्दूद से
शुरू अल्लाह का नाम लेकर, जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
A’udhu Billahi Minash Shaitanir Rajeem
Bismillahir Rahmanir Raheem
नबी ﷺ के क़दम के लिए तय्यार, फ़र्श की तरह समर्पण हो जाओ।
साय्यिदिना दावूद (अलैहिस्सलाम) और साय्यिदिना सूलैमान (अलैहिस्सलम) की सलाह (प्रार्थना) सजदा (माथा टेक कर प्रणाम करना) से भी आगे थी, वे ज़मीन पर पूरी तरह सपाट लेट जाते थे और अल्लाह (अज़्ज़ व जल) से यह कहते थे, “मैं आपके लिए पूरी तरह समर्पण हूँ। एक क़ालीन की तरह मैं हल नहीं सकता हूँ। मुझ पर अपने चरण रखें और मेरे समर्पण को पूर्ण करें।” इसका मतलब यह है कि, कई बार हम ख़ुद को रौज़ा ए शरीफ़ (पवित्र दफ़न कक्ष) की उपस्थिति में देखते हैं, न के केवल मेरे सूजूद (सजदा) में, बल्कि मैं पूरी तरह से एक फ़र्श की तरह हूँ, जैसे एक क़ालीन आत्मसमर्पण करती हैया सय्यदी या रसूलुल करीम अगर आप मुझ पर अपनी नज़र (निगाह) नहीं रखते हो, तो हम खो जाएंगे। आप अपने क़दम (चरण) आपके पवित्र कदम मुझ पर रखें ताकि इस तस्लीम (विनम्रता) की रोशनी मेरे दिल में प्रवेश करें। “सल्लु अलैहि व सल्लिमु तसलीमा” को केवल तस्लीम से हासिल किया जा सकता है। “अल्लाहुम्मा सल्ली अला साय्यिदिना मुहम्मद व अला आली साय्यिदिना मुहम्मद, सल्लु अलैहि व सल्लिमु तसलीमा।”
﴾إِنَّ اللَّهَ وَمَلَائِكَتَهُ يُصَلُّونَ عَلَى النَّبِيِّ يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا صَلُّوا عَلَيْهِ وَسَلِّمُوا تَسْلِيماً ﴿٥٦
33:56 – “InnAllaha wa malayikatahu yusalluna ‘alan Nabiyi yaa ayyuhal ladhina aamanu sallu ‘alayhi wa sallimu taslima.” (Surat Al-Ahzab)
“खुदा और उसके फ़रिश्ते पैग़म्बर [मुहम्मद ﷺ] पर रहमत भेजते हैं: ए ईमान लानेवालो तुम भी सम्मान के साथ उन पर रहमत भेजो और खूब सलाम भेजो।” (सूरत अल अहज़ाब, ३३:५६)
अल्लाह (अज़्ज़ व जल) को हम से प्रसन्न होने के लिय पैग़म्बर ﷺ के हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
जो अल्लाह (अज़्ज़ व जल) ने दिया है, मैं आपकी उस आज्ञा का पालन कर रहा हूँ और ख़ुद को आपकी दहलीज़ पर बिछा दिया हूँ। न केवल मेरे सूजूद (सज्दा) में बल्कि मेरा पूरा शरीर आपके सामने है एक क़ालीन की तरह, मुझ पर दया करें। आप देख सकते हैं कि मैं आत्मसमर्पण नहीं कर सक रहा हूँ। मैं अपनी बुरी प्रथाओं को रोक नहीं सकता। मैं अपने ग़ुस्से को रोक नहीं सकता। मैं ऐसा कुछ भी नहीं कर सकता जो आपके बिना हस्तक्षेप किए अल्लाह (अज़्ज़ व जल) को भाता हो। कम से कम अपने चरण मुझ पर रखें और मेरे चरित्र में हस्तक्षेप करें। मेरे जंगलीपन, हमारे भीतर का वह जंगलीपन हर चीज़ को आगे बढ़ा रहा है और वह हर दिशा, सिवा सही दिशा, में जा रहा है
साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के माध्यम से सीधे रास्ते की तलाश करो।
यह तस्लीम है क्योंकि साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के पवित्र क़दम (चरण) की बहुत बड़ी रूहानी वास्तविकता है। जिस्मानी नज़रिए से मत सोचिए, कि हम उनके पैर मांग रहे हैं, बल्कि हम वह पवित्र क़दम मांग रहे हैं जिसमें वह हैं साय्यिदिना सिरात अल-मुस्तक़ीम अलैहि सलातू सलाम। जब यह क़दम आपकी आत्मा में प्रवेश करने लगते हैं तो आपका सब कुछ अब सिरात अल-मुस्तक़ीम से होने लगता है। आपके क़दम मुझ पर रहें ताकि मेरी आत्मा, मेरा शरीर सब इस्तक़ाम, मज़बूती और तस्लीम में प्रवेश करें। एक बार वह पवित्र चरण मुझे बरकत देना शुरू करते हैं और जब आपके हाथ से मुझे बरकत मिलने लगती है तब अल्लाह (अज़्ज़ व जल) की शक्ति मुझ में प्रवेश करने लगेगी। आपका हाथ मेरी ज़ुबान पर रहें।
अल्लाह (अज़्ज़ व जल) ने हमें पैग़म्बर ﷺ के ग़ुलाम बनने के लिए भेजा।
इसका मतलब यह है कि इसकी रौज़ा ए शरीफ़ पर समाप्ति नहीं होती है, बल्कि पैग़म्बर ﷺ से लगातार माँगना है की मैं यहाँ हूँ, मैं आपका ग़ुलाम (सेवक) हूँ, मेरे पास और कहीं नहीं है जाने के लिए। अल्लाह (अज़्ज़ व जल) ने मुझे ख़रीद कर मुझे आपका ग़ुलाम बनाकर आपको बेच दिया है। मैं आपका ग़ुलाम हूँ और जैसे कि एक राजा कहता है, तुम्हारी कोई इच्छा नहीं है, आप वही करते हैं जो आपको राजा करने के लिए कहता है। अल्लाह (अज़्ज़ व जल) ने मुझे आपकी सेवा के लिए भेजा है, मैं आपका ग़ुलाम हूँ। मुझे धन्य करें और प्रदान करें और क्रप्या मेरी ज़ुबान पर अपना हाथ रखें। मेरी ज़ुबान को तस्लीम में करें , ताकि वह बुरा कहना और बुरा बोलना बंद करती है। इसको आपकी पवित्र सुगंध से सुगंधित होने दें ताकि इससे सिर्फ़ सुंदर प्रशंसा निकले और मेरा मुँह आपके प्रेम से मीठा हो जाए।
ज़ुबान की मिठास केवल सलवात अन-नबी ﷺ के माध्यम से आती है।
क्या है वह जो किसी की बोली को मीठा बनाती है? वह है साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ की मोहब्बत। अल्लाह (अज़्ज़ व जल) की मोहब्बत, साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के द्वार से आती है। अल्लाह (अज़्ज़ व जल) जब प्रेम और मोहब्बत देना चाहता है, तो यह एक वास्तविकता है, एक घड़ा और एक वाहन या बर्तन की तरह जिस के द्वारा साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ आपको मिलते हैं। आपकी ज़ुबान को जो मीठा बनाता है वह है सलवात अन-नबी ﷺ (नबी ﷺ पर प्रशंसा)।आपको जो डॉक्टर देख रहा है उसे पता है कि आप सलवात नहीं पढ़ रहे हैं। आप इसे निष्ठा से नहीं कर रहे हैं। आप काफ़ी नहीं कर रहे हैं। ऐसा कैसे हो सकता है कि जो लगातार कह रहा है,“अल्लमुहम्मा सल्ली अला साय्यिदिना मुहम्मद व अला आली साय्यिदिना मुहम्मद, अल्लाहुम्मा सल्ली अला साय्यिदिना मुहम्मद व अला आली साय्यिदिना मुहम्मद, अल्लाहुम्मा सल्ली अला साय्यिदिना मुहम्मद व अला आली साय्यिदिना मुहम्मद” अल्लाह (अज़्ज़ व जल) उसकी ज़ुबान को मीठी नहीं करता? यदि वह (सलवात) आपकी ज़ुबान को मीठा नहीं कर सकती है तो कुछ भी आपकी ज़ुबान को मीठा नहीं करेगी।
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ، وَعَلَى آلِ سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَ سَلِّمْ
“Allahumma salli ‘ala Sayyidina Muhammadin wa ‘ala aali Sayyidina Muhammadin wa Sallim.”
“ऐ अल्लाह! रहमत और बरकत नाज़िल फ़रमा हमारे पैग़म्बर मुहम्मद पर और आल ए पैग़म्बर मुहम्मद ﷺ पर।”
सब कुछ पैग़म्बर साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के द्वार पर है।
तो, इसका मतलब है कि सब कुछ साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के द्वार पर है। कृपया मेरी ज़बान से जंगलीपन हटा कर इसे अपनी सुगंध से मीठा बनाएं। अपने चरण मेरी आत्मा पर रखें और मुझे इताअत और तस्लीम में रहना सिखाएं। जब अल्लाह (अज़्ज़ व जल) मेरी ओर देखता है तो मैं आपकी दहलीज पर एक सुंदर क़ालीन की तरह दिखूँ। जिस सिंहासन और कुर्सी पर साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ बैठते हैं, मैं उस उपस्थिति के लिए कैसा सुंदर क़ालीन बन सकता हूँ? मुझे वह क़ालीन बनने दो। अल्लाह (अज़्ज़ व जल) ने आपको शानदार सिंहासन दिया है। हमें उच्च पदवी नहीं चाहिए। मैं सिर्फ़ फ़र्श बनना चाहता हूं ताकि मेरा चेहरा नीचे हो और आपके पवित्र क़दम मुझ पर हो और अल्लाह (अज़्ज़ व जल) मुझे इस तरह की तस्लीम में देखें, और मुझे तसलीमा वरदान करें। वह मेरी उस विनम्रता का सुंदर गुण देखें, इंशाल्लाह।
Subhana rabbika rabbal ‘izzati ‘amma yasifoon, wa salaamun ‘alal mursaleen, walhamdulillahi rabbil ‘aalameen. Bi hurmati Muhammad al-Mustafa wa bi siri Surat al-Fatiha.
इस सोहबाह का प्रतिलेखन करने में हमारे प्रतिलेखकों के लिए विशेष धन्यवाद।
सुहबा की मूल तारीख: मई २०, २०२०
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